Wednesday 30 November, 2011

ये मत समझ लेना

 तुमसे,,
एक मुलाकात के लिए
दिन रात  तरसे है मन,,
और
उसी तड़पन में सोचे है ये….

जब तुम सामने होंगे,,
ये अपनी सारी भावनाएं,सारी वेदनाएं
उड़ेल कर रख देगा
तुम्हारे आगे,,
अपने कुएं में से निकालकर,

फिर तुम्हीं छांटना और बतलाना इसे,
कौन सी रखे ये,,
और
कौन सी फेंक दे कहीं दूर समंदर में,
क्योंकि
मैं तो विवशता भरी दुविधा में फंस गयी हूँ..!!
पर तुम बता भी दोगे
तो भी कोई फ़ायदा नहीं होगा,,
क्योंकि एहसास तो पानी के जैसे होते हैं ना,,
कभी कोई लहर ऊपर,,तो कभी कोई नीचे,
पर छलकता नहीं है कभी……………….ना !!!!

और जानते हो
इतने बरसों में क्या हुआ है यहाँ…?
ज़िन्दगी की रस्सी से घिसते घिसते
मन के कुएं का द्वार
जैसे बड़े से अकल्पनीय पहाड़ से ढक गया है..
और
भावनाएं,,शब्द और आंसू भी छोटे छोटे टुकड़ों में टूटकर,
नीचे जमा हो गए हैं कहीं तली पर कुएं के…,,

तुम्हे अपने पास पा के,
पहाड़ दरवाज़े से हट तो जरुर जायेगा,
और टुकड़े भी ऊपर को आ जायेंगे यक़ीनन,,
पर
अगर थोडा वक़्त लग जाये इसमें,
और तुम रुक न सको उतनी देर,
तो
ये मत समझ लेना,
कि यहाँ मोहब्बत नहीं बची है…
वो मौजूद है जरुर
और कायम भी है अवश्य,,

बस तुम्हे दिखाई नहीं दी,

क्योंकि
अब उसे व्यक्त करने का सामान जुटाने में
मुझे थोडा वक़्त लगता है..!!!
 
 
 
 

 

Monday 28 November, 2011

ताल्लुक

ज़ख्म-ए-ज़िन्दगी और उम्र का कोई ताल्लुक नहीं होता,
किसी किसी को हालात वक़्त से पहले बड़ा कर दिया करते हैं..!!!
 
 
 
 

गुलज़ार साब--प्यार एक बीज है

 मैं गुलज़ार साब की एक amazing creation यहाँ पोस्ट कर रही हूँ...बिलकुल मिश्री जैसी उनकी आवाज़ और इतनी गहरी अभिव्यक्ति  कि बस दिल तर सा जाता है...सुकून भरी एक कला हैं न गुलज़ार साब  में, वही share कर रही हूँ.... 

Sunday 27 November, 2011

ख़ुशी का रास्ता तो नप जाता है बस मील दो मील में,

 
ख़ुशी का रास्ता तो नप जाता है बस मील दो मील में,
ग़मी की सुरंग का सिरा खोजने में अक्सर जिंदगियां ख़त्म हो जाती है..!
 
क्या ये सच नहीं,,बरसों बाद भी अन्दर कहीं कुछ टूट सा जाता है,
जब मजबूरियों की बाढ़ में खो गए सामान की याद रिसते रिसते ज़ख्म हो जाती है..!
 
भावनाओ का विसर्जन तो  स्वयमेव ही हो जाता है इंसान से कहीं,
ज़िन्दगी जब असहाय सी होकर कतरनों में कहीं दफ़न हो जाती है..!
 
क्या जानिए मन का गलियारा कैसी कैसी दरारों से भर जाता है,
जब उसकी ख्वाहिशें हालातों के बाज़ार में सरेआम क़त्ल हो जाती है..!
 
मंजिल तक पहुँचने की आस में तो इन्सान पहाड़ों सा सफ़र भी तय कर ले,
कदम बेड़ियों से तो तब जकड जाते हैं,जब उम्मीदें ही ध्वस्त हो जाती है..!
 
शुरुआत में दिलो-दिमाग कागज़ पर उतारना कहाँ आता है ज़िन्दगी को भला,
ये ज़िन्दगी की मेहरबानियाँ ही तो हैं जो आगे चलकर नज़्म हो जाती है..!!!

Saturday 26 November, 2011

लो जी आ गए हम भी ब्लॉग वर्ल्ड में

 लो जी आ गए हम भी ब्लॉग वर्ल्ड में..बहुत समय से बहुत सारे ब्लॉग पढ़ रही थी..बहुत अच्छे अच्छे सभी,क्या खूब लिखती है दुनिया और जूनून तो काबिले तारीफ है यक़ीनन....
कवितायेँ लिखती थी अब तक ,पर  दिलो दिमाग मेंबहुत कुछ  आता  रहता है  जो मैं  कभी  कागज़  पर या  किसी  और जगह  उतार  नहीं पाई ...सो ब्लॉग का ख्याल अचानक एक दिन  पलकों के किनारे आके बैठ गया और शायद और ब्लोग्स पढने का भी असर था ये.कितने दिनों से सोच रही थी,ब्लॉग बनाना है...finally आज बन ही गया.बनाने लगी तो ख्याल आया  कि हम बना तो रहे हैं पर अपना ब्लॉग कोई पढ़ेगा भी!!!! फिर लगा मैदान में तो उतरते है..शुरआत लिखने की हमेशा अपने लिए की जाती है,बिना इस बात की परवाह कियेकि कोई क्या कहेगा,कोई पढ़ेगा या नही..और शुरू में तो हम लोग चाहते ही नहीं 
कि हमारा लिखा हुआ कोई और पढ़े..घर में भी diary हमेशा बचा के रखनीपड़ती थी हमेशा...मगर अब इन्टरनेट के ज़माने में सब पोस्ट करने का दिल करता है सभी का...शायद अजनबियों के आगे डर नही लगता...और अब अजनबी है भी कौन..ग्लोबल वर्ल्ड है साब..!! जिन लोगों का ब्लॉग मैंने पढ़ा है,वो भी अब कहाँ अजनबी लगते हैं...हाँ,एक कमी रही है मुझमे....कितने अच्छे अच्छे ब्लॉग पढ़े पर एकाध बार से ज्यादा कमेन्ट नहीं किया...पता नहीं क्यूँ? या हाँ पता है....मैं पढ़ते समय इतनी खो जाती हूँ कि बिलकुल वैसे पढ़ती हूँ लैपटॉप पर भी जैसे कोई किताब पढ़ रही हूँ जहाँ अगले पन्ने पर क्या है,बस ये जानने कि उत्सुकता रहती है...author की तारीफ बस जेहन में और बुदबुदाते शब्दों में या तो मन में रहती है या हलकी सी हवा में,उसी तरह ब्लॉग में भी मेरा यही हाल है  वर्ना कितने ब्लॉग तो पूरे पूरे पढ़े हैं मैंने....लेकिन तारीफ के लिए शब्द नहीं रहते अक्सर मेरे पास बिलकुल किताबों की तारीफ में जैसे...सो क्षमाप्रार्थी भी हूँ.....जिन ब्लोग्स को मैंने blogs i follow की लिस्ट में add किया है,उन्हें पढना मुझे बेहद पसंद है....आप सभी की प्रत्यक्ष तारीफ में कमी करने के लिए क्षमा कीजियेगा....आशा करती हूँ कि ब्लॉग वर्ल्ड में जल्दी ही मेरे भी मित्र बन जायेंगे.....शुक्रिया