टूटे सपने,
रिसती उम्मीदें,
भारी ज़िन्दगी..!
आकुल आरजुएं,
छटपटाते प्रयास,
थकी ज़िन्दगी..!
फैला आसमां,
सिकुड़े पंख,
रुकी ज़िन्दगी..!
बेमानी रिश्ते,
तर्कहीन समझौते,
फँसी ज़िन्दगी..!
बंधन खुले,
मंजिल चले,
हँसी ज़िन्दगी..!!!!
रिसती उम्मीदें,
भारी ज़िन्दगी..!
आकुल आरजुएं,
छटपटाते प्रयास,
थकी ज़िन्दगी..!
फैला आसमां,
सिकुड़े पंख,
रुकी ज़िन्दगी..!
बेमानी रिश्ते,
तर्कहीन समझौते,
फँसी ज़िन्दगी..!
बंधन खुले,
मंजिल चले,
हँसी ज़िन्दगी..!!!!