हम तो कबके पिघल जाते उनकी बांहों में,,मगर
उन्होंने कभी कहा ही नहीं कि वो हमारे बिन अकेले हैं…
अजब गज़ब सी ही है इस इश्क की तासीर जनाब,
यहाँ तो साहिलों पे भी उठते ज्वार-भाटों के रेले हैं…!!!!
उन्होंने कभी कहा ही नहीं कि वो हमारे बिन अकेले हैं…
अजब गज़ब सी ही है इस इश्क की तासीर जनाब,
यहाँ तो साहिलों पे भी उठते ज्वार-भाटों के रेले हैं…!!!!
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