Friday 2 March, 2012

सीलन

बातें पी पी के,
सीलन आ गयी दिल की दीवारों पे,
सोच रही हूँ,
‘मुरम्मत करवा लूँ’..!!

सुनो,
सीलन खुरचुं अगर
तो टुकड़े  पकड़ने  आओगे ना..!!!

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