क्या कमाल बात है,
उन गलियों से भी मुझे बेहिसाब जुड़ाव महसूस होता है,
गुजारा है जिनमे बचपन अपना
मेरे महबूब ने
या
गुजरा करते थे जिनसे जनाब
कभी बस यूँ ही….!!!
उन गलियों से भी मुझे बेहिसाब जुड़ाव महसूस होता है,
गुजारा है जिनमे बचपन अपना
मेरे महबूब ने
या
गुजरा करते थे जिनसे जनाब
कभी बस यूँ ही….!!!
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