ज़िन्दगी ख़त्म हो जाती है,तलाश को मगर आराम नहीं मिलता,
इन्सां की ख्वाहिशों को अक्सर कोई जायज मुकाम नहीं मिलता..!
जाने कौन सी सिलाइयों से पैबंद जड़ते हैं ज़िन्दगी में लोग,
समझौतों के इन पैबन्दों का मुंह जो कभी भी नहीं फिसलता..!
कोलाहल भी चलता है मन में और द्वन्द भी होता है अवश्य,
पर शर्त निभानी है ज़िन्दगी की,सो ये शोर बाहर नहीं निकलता..!
भाग्य की चोट से कुचलकर मात खा जाते हैं क्यूँ सदा अच्छे ही लोग,
जाने इन्सां की सोच से गुजरकर क्यों ईश्वर उसका भाग्य नहीं लिखता..!!
इन्सां की ख्वाहिशों को अक्सर कोई जायज मुकाम नहीं मिलता..!
जाने कौन सी सिलाइयों से पैबंद जड़ते हैं ज़िन्दगी में लोग,
समझौतों के इन पैबन्दों का मुंह जो कभी भी नहीं फिसलता..!
कोलाहल भी चलता है मन में और द्वन्द भी होता है अवश्य,
पर शर्त निभानी है ज़िन्दगी की,सो ये शोर बाहर नहीं निकलता..!
भाग्य की चोट से कुचलकर मात खा जाते हैं क्यूँ सदा अच्छे ही लोग,
जाने इन्सां की सोच से गुजरकर क्यों ईश्वर उसका भाग्य नहीं लिखता..!!
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