शब्द इकटठे कर रही हूँ,
एक नज़्म की शक्ल को आकार देने के लिए,,
मगर शब्द
मिटटी नहीं होते ना,
पकड़ में कहाँ ही आ पाते हैं
गर गीले हो जायें तो,,
सो हारने लगी हूँ..!!!
एक नज़्म की शक्ल को आकार देने के लिए,,
मगर शब्द
मिटटी नहीं होते ना,
पकड़ में कहाँ ही आ पाते हैं
गर गीले हो जायें तो,,
सो हारने लगी हूँ..!!!
thank you sir :)
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