पूनम की रातें थी,
एक चाँद धरती के आंचल में
नगीने सा चमक रहा था,
और दूजा
ख़ुशी के जैसे आँखों में दमक रहा था…
मगर……………….
देखते ही देखते
एक आंधी सी आई
और चाँद बुझा बुझा बेबस सा
टपकने लगा झर झर
आँखों से,
हिम्मत करके नजर उठाई ,
ऊपर देखा,
आँचल उधड चुका था,
”रातें अब अमावस में बदल चुकी थी”….!!
एक चाँद धरती के आंचल में
नगीने सा चमक रहा था,
और दूजा
ख़ुशी के जैसे आँखों में दमक रहा था…
मगर……………….
देखते ही देखते
एक आंधी सी आई
और चाँद बुझा बुझा बेबस सा
टपकने लगा झर झर
आँखों से,
हिम्मत करके नजर उठाई ,
ऊपर देखा,
आँचल उधड चुका था,
”रातें अब अमावस में बदल चुकी थी”….!!
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