जज़्बात
Wednesday, 15 August 2012
4 liner
आज के ज़माने में किसी को प्यार की कद्र कहाँ है,
हर किसी का अपना ही एक मस्त जहाँ है,
अपनी ही दुनिया में इस कदर खोया है हर इंसान,
कि दिलों में प्यार के पनपने की जगह ही कहाँ है…!!!
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