Friday 17 August, 2012

बस यूँ ही चलते जा रहे है हम,,

ना कोई ख़ुशी,ना कोई गम,
बस यूँ  ही चलते जा रहे है हम,,
 
जाना कहाँ है,खुद को कुछ पता नहीं,
या यूँ कहिये कि जानना चाहते ही नहीं हम,,
 
खो दिया है अपना सब कुछ ज़िन्दगी के सफ़र में,
और अब ये सफ़र आगे करना ही नहीं चाहते हम,,
 
वक़्त अब भी चल रहा है,पर थम गया है सब कुछ मेरे अन्दर,
और सच पूछो तो ऐसे ही अब रहना चाहते हैं हम,,
 
अब कुछ नहीं है मेरे पास सिवा कुछ बीते प्यारे लम्हों की यादों के,
और कभी कभी उन्ही यादों में जाके जी आते हैं हम,
 
वो यादें ज़िन्दगी से बढ़कर और ज़िन्दगी उनसे ख़ूबसूरत है अब भी,
और इसीलिए  उनके सहारे ही  खुद को अकेला नहीं पाते हम…!!!!
                                                                                                   (२ जनवरी,०७ )

No comments:

Post a Comment