Monday, 27 August 2012

सपनों से भरपूर एक नया जहाँ होगा,

सपनों से भरपूर एक नया जहाँ होगा,
जहाँ रोशन तेरे मन का हर दीया होगा,
ना रहेगी कमी किसी भी ख़ुशी की,
नसीब कभी तो तुझ पर मेहरबां होगा…
 
हाँ,माना कि मुश्किल है अभी तेरी डगर,
पर कर मेरे दोस्त,थोडा सा सब्र,
क्या हुआ जो ढक लिया है अभी अँधेरे ने तेरा नूर,
छंटेगा एक दिन ये और मिलेगी सुबह की चाबी जरूर…
 
बस कभी खुद का खुद पर से भरोसा टूटने मत देना,
और हर हाल में तेरे साथ दोस्त, ”मैं हूँ ना”….!!!!
 

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